Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_0fedef4d6c74c6faf09a64a78e483e96, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
जहाँ दर था वहाँ दीवार क्यूँ है - अनीस अंसारी कविता - Darsaal

जहाँ दर था वहाँ दीवार क्यूँ है

जहाँ दर था वहाँ दीवार क्यूँ है

अलग नक़्शे से ये मे'मार क्यूँ है

ख़ुदा आज़ाद था हाकिम की हद से

ख़ुदा के शहर में सरकार क्यूँ है

बहुत आसान है मिल-जुल के बहना

नदी और धार में पैकार क्यूँ है

हज़ारों रंग के फूलों से खिंच कर

बना है शहद तो बेकार क्यूँ है

किसी भी सम्त से आ कर परिंदे

सजाएँ झील तो आज़ार क्यूँ है

तिरी महफ़िल में सब बैठे हैं आ कर

हमारा बैठना दुश्वार क्यूँ है

बना कर रख तू घर अच्छा रहेगा

तू मालिक बन किराए-दार क्यूँ है

तुम्हारे साथ हम आगे बढ़े थे

हमारी पीठ पर तलवार क्यूँ है

ख़ुदा से क्या रक़ाबत है सनम की

रह-ए-मस्जिद नज़र में ख़ार क्यूँ है

इबारत में न कर तहरीफ़ बेजा

हमारे नाम से बेज़ार क्यूँ है

परिंदे को जो मौक़ा दो दिखा दे

बंधे पर का सफ़र लाचार क्यूँ है

पड़ोसी हो तो फल या फूल लाते

तुम्हारे हाथ में हथियार क्यूँ है

ज़मीं फैली हुई है आसमाँ तक

बस इक टुकड़े पे यूँ तकरार क्यूँ है

(708) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Jahan Dar Tha Wahan Diwar Kyun Hai In Hindi By Famous Poet Anees Ansari. Jahan Dar Tha Wahan Diwar Kyun Hai is written by Anees Ansari. Complete Poem Jahan Dar Tha Wahan Diwar Kyun Hai in Hindi by Anees Ansari. Download free Jahan Dar Tha Wahan Diwar Kyun Hai Poem for Youth in PDF. Jahan Dar Tha Wahan Diwar Kyun Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Jahan Dar Tha Wahan Diwar Kyun Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.