अनीस अंसारी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अनीस अंसारी
नाम | अनीस अंसारी |
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अंग्रेज़ी नाम | Anees Ansari |
बड़ा आज़ार-ए-जाँ है वो अगरचे मेहरबाँ है वो
तुम्हारे शहर में इतने मकाँ गिरे कैसे
पथरीली सी शाम में तुम ने ऐसे याद किया जानम
नाम तेरा भी रहेगा न सितमगर बाक़ी
मुझ पे हर ज़ुल्म रवा रख कि मैं जो हूँ सो हूँ
मिरा हर तीर निशाने पे न पहुँचा आख़िर
मैं सहरा था जज़ीरा हो गया हूँ
जिस को समझे थे तवंगर वो गदागर निकला
जहाँ दर था वहाँ दीवार क्यूँ है
इस शहर के लोग अजीब से हैं अब सब ही तुम्हारे असीर हुए
दिल पर यूँही चोट लगी तो कुछ दिन ख़ूब मलाल किया
भर नहीं पाया अभी तक ज़ख़्म-ए-कारी हाए हाए
बड़ा आज़ार-ए-जाँ है वो अगरचे मेहरबाँ है वो