Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_e3bb69357e40c318238c09a1c4eff425, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
भूले से भी लब पर सुख़न अपना नहीं आता - आनंद नारायण मुल्ला कविता - Darsaal

भूले से भी लब पर सुख़न अपना नहीं आता

भूले से भी लब पर सुख़न अपना नहीं आता

हाँ हाँ मुझे दुनिया में पनपना नहीं आता

दिल को सर-ए-उल्फ़त भी है रुस्वाई का डर भी

उस को अभी इस आँच में तपना नहीं आता

ये अश्क-ए-मुसलसल हैं महज़ अश्क-ए-मुसलसल

हाँ नाम तुम्हारा मुझे जपना नहीं आता

तुम अपने कलेजे पे ज़रा हाथ तो रक्खो

क्यूँ अब भी कहोगे कि तड़पना नहीं आता

मय-ख़ाने में कुछ पी चुके कुछ जाम-ब-कफ़ हैं

साग़र नहीं आता है तो अपना नहीं आता

ज़ाहिद से ख़ताओं में तो निकलूँगा न कुछ कम

हाँ मुझ को ख़ताओं पे पनपना नहीं आता

भूले थे उन्हीं के लिए दुनिया को कभी हम

अब याद जिन्हें नाम भी अपना नहीं आता

दुख जाता है जब दिल तो उबल पड़ते हैं आँसू

'मुल्ला' को दिखाने का तड़पना नहीं आता

(814) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Bhule Se Bhi Lab Par SuKHan Apna Nahin Aata In Hindi By Famous Poet Anand Narayan Mulla. Bhule Se Bhi Lab Par SuKHan Apna Nahin Aata is written by Anand Narayan Mulla. Complete Poem Bhule Se Bhi Lab Par SuKHan Apna Nahin Aata in Hindi by Anand Narayan Mulla. Download free Bhule Se Bhi Lab Par SuKHan Apna Nahin Aata Poem for Youth in PDF. Bhule Se Bhi Lab Par SuKHan Apna Nahin Aata is a Poem on Inspiration for young students. Share Bhule Se Bhi Lab Par SuKHan Apna Nahin Aata with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.