आनंद नारायण मुल्ला कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का आनंद नारायण मुल्ला (page 2)
नाम | आनंद नारायण मुल्ला |
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अंग्रेज़ी नाम | Anand Narayan Mulla |
जन्म की तारीख | 1901 |
मौत की तिथि | 1997 |
फ़र्क़ जो कुछ है वो मुतरिब में है और साज़ में है
एक इक लम्हे में जब सदियों की सदियाँ कट गईं
दिल-ए-बेताब का अंदाज़-ए-बयाँ है वर्ना
दयार-ए-इश्क़ है ये ज़र्फ़-ए-दिल की जाँच होती है
अश्क-ए-ग़म-ए-उल्फ़त में इक राज़-ए-निहानी है
अक़्ल के भटके होऊँ को राह दिखलाते हुए
अब बन के फ़लक-ज़ाद दिखाते हैं हमें आँख
अब और इस से सिवा चाहते हो क्या 'मुल्ला'
अब और इस के सिवा चाहते हो क्या 'मुल्ला'
आईना-ए-रंगीन जिगर कुछ भी नहीं क्या
मोहिब्बान-ए-वतन का नारा
गुरु-नानक
ज़िंदगी गो कुश्ता-ए-आलाम है
ये दिल आवेज़ी-ए-हयात न हो
सर-ए-महशर यही पूछूँगा ख़ुदा से पहले
सर-ए-महशर यही पूछूँगा ख़ुदा से पहले
रह-रवी है न रहनुमाई है
क़हर की क्यूँ निगाह है प्यारे
निगाह-ओ-दिल का अफ़्साना क़रीब-ए-इख़्तिताम आया
मिरी बातों पे दुनिया की हँसी कम होती जाती है
मिरी बात का जो यक़ीं नहीं मुझे आज़मा के भी देख ले
ख़मोशी साज़ होती जा रही है
काम इश्क़-ए-बे-सवाल आ ही गया
जुनूँ का दौर है किस किस को जाएँ समझाने
जब दिल में ज़रा भी आस न हो इज़्हार-ए-तमन्ना कौन करे
जान-ए-अफ़्साना यही कुछ भी हो अफ़्साने का नाम
इल्म-ओ-जाह-ओ-ज़ोर-ओ-ज़र कुछ भी न देखा जाए है
फ़र्क़ जो कुछ है वो मुतरिब में है और साज़ में है
दुनिया है ये किसी का न इस में क़ुसूर था
दिल की दिल को ख़बर नहीं मिलती