Hope Poetry of Amjad Najmi
नाम | अमजद नजमी |
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अंग्रेज़ी नाम | Amjad Najmi |
उठ
तुम अगर चाहो तो
पेच-ओ-ताब
कारवान-ए-हयात
अफ़्कार-ए-परेशाँ
तराना-ए-ग़म-ए-पिन्हाँ है हर ख़ुशी अपनी
सुब्ह-दम आया तो क्या हंगाम-ए-शाम आया तो क्या
सोज़ है दिल के दाग़ में अब तक
नहीं कुछ इंतिहा अफ़्सुर्दगी की
न कुछ आलिम समझते हैं न कुछ जाहिल समझते हैं
मुझे दैर भी हो क्यूँ कर न हरम की तरह प्यारा
जो पूछते हैं कि ये इश्क़-ओ-आशिक़ी क्या है
जाएँ कहाँ हम आप का अरमाँ लिए हुए
जब दिल ही नहीं है पहलू में फिर इश्क़ का सौदा कौन करे
देख कर हम को असीर-ए-आरज़ू
बुलबुल-ए-रंगीं-नवा ख़ामोश है
आशुफ़्ता-नवाई से अपनी दुनिया को जगाता जाता हूँ