Hope Poetry of Amjad Islam Amjad
नाम | अमजद इस्लाम अमजद |
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अंग्रेज़ी नाम | Amjad Islam Amjad |
जन्म की तारीख | 1944 |
जन्म स्थान | Lahore |
सूरज की पहली किरन
साए ढलने चराग़ जलने लगे
वो अभी अपने चेहरे में उतरा नहीं
शिकस्त-ए-अना
सेल्फ़ मेड लोगों का अलमिया
सरमाया-ए-जाँ
मोहब्बत की एक नज़्म
फ़ासले
एक कमरा-ए-इम्तिहान में
चश्म-ए-बे-ख़्वाब को सामान बहुत
ऐ वक़्त ज़रा थम जा
ऐ दिल-ए-बे-ख़बर
ज़िंदगी दर्द भी दवा भी थी
ये गर्द-बाद-ए-तमन्ना में घूमते हुए दिन
ये और बात है तुझ से गिला नहीं करते
तुम्हारा हाथ जब मेरे लरज़ते हाथ से छूटा ख़िज़ाँ के आख़िरी दिन थे
शाम ढले जब बस्ती वाले लौट के घर को आते हैं
साए ढलने चराग़ जलने लगे
रात मैं इस कश्मकश में एक पल सोया नहीं
निकल के हल्क़ा-ए-शाम-ओ-सहर से जाएँ कहीं
न आसमाँ से न दुश्मन के ज़ोर ओ ज़र से हुआ
लहू में तैरते फिरते मलाल से कुछ हैं
लहू में रंग लहराने लगे हैं
कितनी सरकश भी हो सर-फिरी ये हवा रखना रौशन दिया
किसी की आँख में ख़ुद को तलाश करना है
खेल उस ने दिखा के जादू के
कमाल-ए-हुस्न है हुस्न-ए-कमाल से बाहर
कभी रक़्स-ए-शाम-ए-बहार में उसे देखते
कब से हम लोग इस भँवर में हैं
जो दिन था एक मुसीबत तो रात भारी थी