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आबला - अमजद इस्लाम अमजद कविता - Darsaal

आबला

उदासी के उफ़ुक़ पर जब तुम्हारी याद के जुगनू चमकते हैं

तो मेरी रूह पर रक्खा हुआ ये हिज्र का पत्थर

चमकती बर्फ़ की सूरत पिघलता है!

अगरचे यूँ पिघलने से ये पत्थर, संग-रेज़ा तो नहीं बनता!

मगर इक हौसला सा दिल को होता है,

कि जैसे सर-ब-सर तारीक शब में भी

अगर इक ज़र्द-रू, सहमा हुआ तारा निकल आए

तो क़ातिल रात का बे-इस्म जादू टूट जाता है

मुसाफ़िर के सफ़र का रास्ता तो कम नहीं होता

मगर तारे की चिलमन से

कोई भूला हुआ मंज़र अचानक जगमगाता है!

सुलगते पाँव में इक आबला सा फूट जाता है

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Aabla In Hindi By Famous Poet Amjad Islam Amjad. Aabla is written by Amjad Islam Amjad. Complete Poem Aabla in Hindi by Amjad Islam Amjad. Download free Aabla Poem for Youth in PDF. Aabla is a Poem on Inspiration for young students. Share Aabla with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.