Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_29b65aeec57dca03e1193115461a3148, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
ये और बात है तुझ से गिला नहीं करते - अमजद इस्लाम अमजद कविता - Darsaal

ये और बात है तुझ से गिला नहीं करते

ये और बात है तुझ से गिला नहीं करते

जो ज़ख़्म तू ने दिए हैं भरा नहीं करते

हज़ार जाल लिए घूमती फिरे दुनिया

तिरे असीर किसी के हुआ नहीं करते

ये आइनों की तरह देख-भाल चाहते हैं

कि दिल भी टूटें तो फिर से जुड़ा नहीं करते

वफ़ा की आँच सुख़न का तपाक दो इन को

दिलों के चाक रफ़ू से सिला नहीं करते

जहाँ हो प्यार ग़लत-फ़हमियाँ भी होती हैं

सो बात बात पे यूँ दिल बुरा नहीं करते

हमें हमारी अनाएँ तबाह कर देंगी

मुकालमे का अगर सिलसिला नहीं करते

जो हम पे गुज़री है जानाँ वो तुम पे भी गुज़रे

जो दिल भी चाहे तो ऐसी दुआ नहीं करते

हर इक दुआ के मुक़द्दर में कब हुज़ूरी है

तमाम ग़ुंचे तो 'अमजद' खिला नहीं करते

(2452) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Ye Aur Baat Hai Tujhse Gila Nahin Karte In Hindi By Famous Poet Amjad Islam Amjad. Ye Aur Baat Hai Tujhse Gila Nahin Karte is written by Amjad Islam Amjad. Complete Poem Ye Aur Baat Hai Tujhse Gila Nahin Karte in Hindi by Amjad Islam Amjad. Download free Ye Aur Baat Hai Tujhse Gila Nahin Karte Poem for Youth in PDF. Ye Aur Baat Hai Tujhse Gila Nahin Karte is a Poem on Inspiration for young students. Share Ye Aur Baat Hai Tujhse Gila Nahin Karte with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.