अमजद हैदराबादी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अमजद हैदराबादी
नाम | अमजद हैदराबादी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Amjad Hyderabadi |
जन्म की तारीख | 1878 |
मौत की तिथि | 1961 |
ये संग-ए-निशाँ है मंज़िल-ए-वहदत का
सरमाया-ए-इल्म-ओ-फ़ज़्ल खोया मैं ने
सब कहते हैं मरकज़-ए-बदी है दुनिया
मर मर के लहद में मैं ने जा पाई है
कुछ वक़्त से एक बीज शजर होता है
कम-ज़र्फ़ अगर दौलत-ओ-ज़र पाता है
जो मा'नी-ए-मज़मूँ है वही उनवाँ है
जो कुछ मुसीबतें हैं तुझ पर कम हैं
इस जिस्म की केचुली में इक नाग भी है
हर ज़र्रे पे फ़ज़्ल-ए-किबरिया होता है
हर क़तरे में बहर-ए-मा'रफ़त मुज़्मर है
हर महफ़िल से ब-हाल-ए-ख़स्ता निकला
है उन की यही ख़ुशी कि हम ग़म में रहें
गरमी में ग़म-ए-लिबादा ना-ज़ेबा है
दुनिया के हर एक ज़र्रे से घबराता हूँ
असलियत अगर नहीं तो धोका ही सही