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परिंदे - अमजद हुसैन हाफिज कविता - Darsaal

परिंदे

दरख़्तों पे हर दम चहकते परिंदे

लुभाते हैं बच्चो रंगीले परिंदे

हैं दिलकश वो रंगीन चिड़ियों की डारें

दिखाती हैं पत-झड़ में भी ये बहारें

झपटती हैं मुर्दार पर ख़ुद ही चीलें

सुहानी हैं बगलों की हलचल सी झीलें

है लक़वे से करता कबूतर हिफ़ाज़त

है तीतर से आती रगों में हरारत

ज़रूरत पे करते हैं नक़्ल-ए-मकानी

ये आदत परिंदों की है इक पुरानी

ग़िज़ा मिल के खाते हैं कव्वे भी देखो

सबक़ एकता का परिंदों से सीखो

तुम इस राज़ को आज 'हाफ़िज़' से जानो

परिंदे ग़िज़ा भी दवा भी हैं बच्चो

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Parinde In Hindi By Famous Poet Amjad Husain Hafiz. Parinde is written by Amjad Husain Hafiz. Complete Poem Parinde in Hindi by Amjad Husain Hafiz. Download free Parinde Poem for Youth in PDF. Parinde is a Poem on Inspiration for young students. Share Parinde with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.