सर्कस
बच्चो सर्कस आया है
घर घर उस का चर्चा है
हाथी चीते बंदर सब
कर्तब दिखलाएँगे अब
सर्कस फ़न का ज़रिया है
ख़ुशियों का इक रेला है
चार्ली शेर से खेले है
मुश्किल कैसी झेले है
बच्चो सर्कस कैसा है
अच्छा खेल-तमाशा है
'हाफ़िज़' सर्कस देखें आओ
अफ़्सुर्दा हो दिल बहलाओ
(895) Peoples Rate This