इक तरफ़ प्यार है रिश्ता है वफ़ादारी है
इक तरफ़ प्यार है रिश्ता है वफ़ादारी है
और इन सब में ही उस ग़म की तरफ़-दारी है
वक़्त मिलता ही नहीं है मुझे तन्हाई से
जंग ख़ुद से ही मिरी आज तलक जारी है
आइने घर के सभी टूट चुके हैं कब के
रू-ब-रू ख़ुद से ही होना भी मुझे भारी है
'मीत' ये बात तू माने या न माने लेकिन
बिन तिरे दुनिया में जीना भी अदाकारी है
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