क्यूँ हुए क़त्ल हम पर ये इल्ज़ाम है क़त्ल जिस ने किया है वही मुद्दई
क़ाज़ी-ए-वक़्त ने फ़ैसला दे दिया लाश को नज़्र-ए-ज़िन्दाँ किया जाएगा
अब अदालत में ये बहस छिड़ने को है ये जो क़ातिल को थोड़ी सी ज़हमत हुई
ये जो ख़ंजर में हल्का सा ख़म आ गया उस का तावान किस से लिया जाएगा