ज़िंदगी अपना सफ़र तय तो करेगी लेकिन
हम-सफ़र आप जो होते तो मज़ा और ही था
Gulzar
Wasi Shah
Habib Jalib
Mohsin Naqvi
Ahmad Faraz
Rahat Indori
Allama Iqbal
Jaun Eliya
Anwar Masood
Javed Akhtar
Faiz Ahmad Faiz
Parveen Shakir
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(896) Peoples Rate This
कम्बख़्त दिल ने इश्क़ को वहशत बना दिया
दो किनारों को मिलाया था फ़क़त लहरों ने
सुब्ह-ए-रौशन को अंधेरों से भरी शाम न दे
न हों ख़्वाहिशें न गिला कोई न जफ़ा कोई
बन गए दिल के फ़साने क्या क्या
वही चर्चे वही क़िस्से मिली रुस्वाइयाँ हम को
खींच लाया तुझे एहसास-ए-तहफ़्फ़ुज़ मुझ तक
हम ने हज़ार फ़ासले जी कर तमाम शब
हज़ारों मंज़िलें फिर भी मिरी मंज़िल है तू ही तू
रक़ीब-ए-जाँ नज़र का नूर हो जाए तो क्या कीजे