कोई ले ज़ोर की चुटकी तो है इंकार पोशीदा
कोई ले ज़ोर की चुटकी तो है इंकार पोशीदा
कोई चुपके से चुटकी ले तो है इक़रार चुटकी में
इक अपने वास्ते है दूसरा जिस से वो हारेंगे
वो ले कर घूमते हैं आज कल दो हार चुटकी में
हिना-आलूद चुटकी देख कर महसूस होता है
किसी ने जैसे भर दी हो कोई गुलनार चुटकी में
वो चुटकी ले के देता है मोहब्बत सिर्फ़ चुटकी भर
मज़ा जब था कि मुट्ठी भर के देता प्यार चुटकी में
वो चुटकी भर के कहते हैं सुनाओ चुटकुला कोई
मैं चुटकी ले के कहता हूँ सुनो अशआर चुटकी में
ये चुटकी की करामत है कि बस चुटकी बजाते हैं
हुमक कर आने लगता है ख़याल-ए-यार चुटकी में
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