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Ameer Qazalbash Love In Hindi - Best Love Of Ameer Qazalbash Poetry Collection In Hindi - Darsaal

Love Poetry of Ameer Qazalbash

Love Poetry of Ameer Qazalbash
नामअमीर क़ज़लबाश
अंग्रेज़ी नामAmeer Qazalbash
जन्म की तारीख1943
मौत की तिथि2003
जन्म स्थानDelhi

ज़िंदगी की दौड़ में पीछे न था

ज़िंदगी और हैं कितने तिरे चेहरे ये बता

यार क्या ज़िंदगी है सूरज की

क़त्ल हो तो मेरा सा मौत हो तो मेरी सी

मैं क्या जानूँ घरों का हाल क्या है

होना पड़ा है ख़ूगर-ए-ग़म भी ख़ुशी की ख़ैर

आइने से नज़र चुराते हैं

उन की बे-रुख़ी में भी इल्तिफ़ात शामिल है

सुब्ह तक मैं सोचता हूँ शाम से

पाईं हर एक राह-गुज़र पर उदासियाँ

नज़र नज़र हैरानी दे

नज़र में हर दुश्वारी रख

नज़र आने से पहले डर रहा हूँ

नक़्श पानी पे बना हो जैसे

न पूछ मंज़र-ए-शाम-ओ-सहर पे क्या गुज़री

लोग बनते हैं होशियार बहुत

क्या ख़रीदोगे चार आने में

ख़ौफ़ बन कर ये ख़याल आता है अक्सर मुझ को

कहीं सलीब कहीं कर्बला नज़र आए

हर रहगुज़र में काहकशाँ छोड़ जाऊँगा

हाँ ये तौफ़ीक़ कभी मुझ को ख़ुदा देता था

फ़िक्र-ए-ग़ुर्बत है न अंदेशा-ए-तन्हाई है

इक परिंदा अभी उड़ान में है

दिल में बे-नाम सी ख़ुशी है अभी

दर्द का शहर कहीं कर्ब का सहरा होगा

बसर होना बहुत दुश्वार सा है

बनते हैं फ़रज़ाने लोग

अपने हमराह ख़ुद चला करना

अगर मस्जिद से वाइज़ आ रहे हैं

आँखें खुली हुई हैं तो मंज़र भी आएगा

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