Hope Poetry of Ameer Qazalbash
नाम | अमीर क़ज़लबाश |
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अंग्रेज़ी नाम | Ameer Qazalbash |
जन्म की तारीख | 1943 |
मौत की तिथि | 2003 |
जन्म स्थान | Delhi |
लोग जिस हाल में मरने की दुआ करते हैं
जश्न-ए-बहार-ए-नौ है नशेमन की ख़ैर हो
वो सर-फिरी हवा थी सँभलना पड़ा मुझे
उसे बेचैन कर जाऊँगा मैं भी
नक़्श पानी पे बना हो जैसे
नदी के पार उजाला दिखाई देता है
क्या ख़रीदोगे चार आने में
ख़ुद अपने साथ सफ़र में रहे तो अच्छा है
हर रहगुज़र में काहकशाँ छोड़ जाऊँगा
हाँ ये तौफ़ीक़ कभी मुझ को ख़ुदा देता था
फ़िक्र-ए-ग़ुर्बत है न अंदेशा-ए-तन्हाई है
इक परिंदा अभी उड़ान में है
दर्द का शहर कहीं कर्ब का सहरा होगा
चलो कि ख़ुद ही करें रू-नुमाइयाँ अपनी
बसर होना बहुत दुश्वार सा है
अपने हमराह ख़ुद चला करना