Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_b1519a691b8fecb17b711d21d8c3580c, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
Ameer Minai Hope In Hindi - Best Hope Of Ameer Minai Poetry Collection In Hindi - Darsaal

Hope Poetry of Ameer Minai

Hope Poetry of Ameer Minai
नामअमीर मीनाई
अंग्रेज़ी नामAmeer Minai
जन्म की तारीख1829
मौत की तिथि1900

ज़ीस्त का ए'तिबार क्या है 'अमीर'

ज़ाहिद उमीद-ए-रहमत-ए-हक़ और हज्व-ए-मय

यार पहलू में है तन्हाई है कह दो निकले

उस की हसरत है जिसे दिल से मिटा भी न सकूँ

तीर खाने की हवस है तो जिगर पैदा कर

तवक़्क़ो' है धोके में आ कर वह पढ़ लें

शौक़ कहता है पहुँच जाऊँ मैं अब काबे में जल्द

शाख़ों से बर्ग-ए-गुल नहीं झड़ते हैं बाग़ में

इन शोख़ हसीनों पे जो माइल नहीं होता

हटाओ आइना उम्मीद-वार हम भी हैं

बाद मरने के भी छोड़ी न रिफ़ाक़त मेरी

आहों से सोज़-ए-इश्क़ मिटाया न जाएगा

उस की हसरत है जिसे दिल से मिटा भी न सकूँ

तिरा क्या काम अब दिल में ग़म-ए-जानाना आता है

साफ़ कहते हो मगर कुछ नहीं खुलता कहना

क़िबला-ए-दिल काबा-ए-जाँ और है

पूछा न जाएगा जो वतन से निकल गया

फूलों में अगर है बू तुम्हारी

मुझ मस्त को मय की बू बहुत है

मिरे बस में या तो या-रब वो सितम-शिआर होता

मैं रो के आह करूँगा जहाँ रहे न रहे

क्या रोके क़ज़ा के वार तावीज़

जब से बुलबुल तू ने दो तिनके लिए

जब से बाँधा है तसव्वुर उस रुख़-ए-पुर-नूर का

हम जो मस्त-ए-शराब होते हैं

हटाओ आइना उम्मीद-वार हम भी हैं

हँस के फ़रमाते हैं वो देख के हालत मेरी

हैं न ज़िंदों में न मुर्दों में कमर के आशिक़

दिल जुदा माल जुदा जान जुदा लेते हैं

दिल जो सीने में ज़ार सा है कुछ

अमीर मीनाई Hope Poetry in Hindi - Read famous Hope Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अमीर मीनाई. Largest collection of Hope Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अमीर मीनाई. Share the अमीर मीनाई Hope Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.