ज़ब्त देखो उधर निगाह न की
मर गए मरते मरते आह न की
Habib Jalib
Wasi Shah
Allama Iqbal
Faiz Ahmad Faiz
Gulzar
Javed Akhtar
Anwar Masood
Mohsin Naqvi
Ahmad Faraz
Rahat Indori
Mir Taqi Mir
Jaun Eliya
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(1354) Peoples Rate This
ख़ुदा ने नेक सूरत दी तो सीखो नेक बातें भी
न बेवफ़ाई का डर था न ग़म जुदाई का
हिलाल ओ बद्र दोनों में 'अमीर' उन की तजल्ली है
मानी हैं मैं ने सैकड़ों बातें तमाम उम्र
किसी रईस की महफ़िल का ज़िक्र ही क्या है
अच्छे ईसा हो मरीज़ों का ख़याल अच्छा है
आया न एक बार अयादत को तू मसीह
क्या रोके क़ज़ा के वार तावीज़
सौ शेर एक जलसे में कहते थे हम 'अमीर'
तूल-ए-शब-ए-फ़िराक़ का क़िस्सा न पूछिए
ज़ाहिद उमीद-ए-रहमत-ए-हक़ और हज्व-ए-मय
वस्ल में ख़ाली हुई ग़ैर से महफ़िल तो क्या