अभी कमसिन हैं ज़िदें भी हैं निराली उन की
अभी कमसिन हैं ज़िदें भी हैं निराली उन की
इस पे मचले हैं कि हम दर्द-ए-जिगर देखेंगे
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अभी कमसिन हैं ज़िदें भी हैं निराली उन की
इस पे मचले हैं कि हम दर्द-ए-जिगर देखेंगे
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