Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_afb9aebo8u3r53fsnlmk61tg30, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
तीर पर तीर लगाओ तुम्हें डर किस का है - अमीर मीनाई कविता - Darsaal

तीर पर तीर लगाओ तुम्हें डर किस का है

तीर पर तीर लगाओ तुम्हें डर किस का है

सीना किस का है मिरी जान जिगर किस का है

ख़ौफ़-ए-मीज़ान-ए-क़यामत नहीं मुझ को ऐ दोस्त

तू अगर है मिरे पल्ले में तो डर किस का है

कोई आता है अदम से तो कोई जाता है

सख़्त दोनों में ख़ुदा जाने सफ़र किस का है

छुप रहा है क़फ़स-ए-तन में जो हर ताइर-ए-दिल

आँख खोले हुए शाहीन-ए-नज़र किस का है

नाम-ए-शाइर न सही शेर का मज़मून हो ख़ूब

फल से मतलब हमें क्या काम शजर किस का है

सैद करने से जो है ताइर-ए-दिल के मुंकिर

ऐ कमाँ-दार तिरे तीर में पर किस का है

मेरी हैरत का शब-ए-वस्ल ये बाइ'स है 'अमीर'

सर ब-ज़ानू हूँ कि ज़ानू पे ये सर किस का है

(1090) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Tir Par Tir Lagao Tumhein Dar Kis Ka Hai In Hindi By Famous Poet Ameer Minai. Tir Par Tir Lagao Tumhein Dar Kis Ka Hai is written by Ameer Minai. Complete Poem Tir Par Tir Lagao Tumhein Dar Kis Ka Hai in Hindi by Ameer Minai. Download free Tir Par Tir Lagao Tumhein Dar Kis Ka Hai Poem for Youth in PDF. Tir Par Tir Lagao Tumhein Dar Kis Ka Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Tir Par Tir Lagao Tumhein Dar Kis Ka Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.