Khawab Poetry of Ameer Minai

Khawab Poetry of Ameer Minai
नामअमीर मीनाई
अंग्रेज़ी नामAmeer Minai
जन्म की तारीख1829
मौत की तिथि1900

रहा ख़्वाब में उन से शब भर विसाल

ख़्वाब में आँखें जो तलवों से मलीं

अच्छे ईसा हो मरीज़ों का ख़याल अच्छा है

या-रब शब-ए-विसाल ये कैसा गजर बजा

वस्ल की शब भी ख़फ़ा वो बुत-ए-मग़रूर रहा

कहा जो मैं ने कि यूसुफ़ को ये हिजाब न था

जब से बाँधा है तसव्वुर उस रुख़-ए-पुर-नूर का

हम जो मस्त-ए-शराब होते हैं

हँस के फ़रमाते हैं वो देख के हालत मेरी

गुज़र को है बहुत औक़ात थोड़ी

अमीर लाख इधर से उधर ज़माना हुआ

अच्छे ईसा हो मरीज़ों का ख़याल अच्छा है

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