Love Poetry of Ameer Imam
नाम | अमीर इमाम |
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अंग्रेज़ी नाम | Ameer Imam |
जन्म की तारीख | 1984 |
जन्म स्थान | Sambhal |
ये कार-ए-ज़िंदगी था तो करना पड़ा मुझे
इस बार राह-ए-इश्क़ कुछ इतनी तवील थी
ये कार-ए-ज़िंदगी था तो करना पड़ा मुझे
वो मारका कि आज भी सर हो नहीं सका
ख़ुद को हर आरज़ू के उस पार कर लिया है
काँधों से ज़िंदगी को उतरने नहीं दिया
कभी तो बनते हुए और कभी बिगड़ते हुए
छुप जाता है फिर सूरज जिस वक़्त निकलता है
बन के साया ही सही सात तो होती होगी
अब इस जहान-ए-बरहना का इस्तिआरा हुआ