Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_78135cc02b348c48ca4642ce4a1667e2, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
बन के साया ही सही सात तो होती होगी - अमीर इमाम कविता - Darsaal

बन के साया ही सही सात तो होती होगी

बन के साया ही सही सात तो होती होगी

कम से कम तुझ में तिरी ज़ात तो होती होगी

ये अलग बात कोई चाँद उभरता न हो अब

दिल की बस्ती में मगर रात तो होती होगी

धूप में कौन किसे याद किया करता है

पर तिरे शहर में बरसात तो होती होगी

हम तो सहरा में हैं तुम लोग सुनाओ अपनी

शहर से रोज़ मुलाक़ात तो होती होगी

कुछ भी हो जाए मगर तेरे तरफ़-दार हैं सब

ज़िंदगी तुझ में कोई बात तो होती होगी

(1387) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Ban Ke Saya Hi Sahi Sat To Hoti Hogi In Hindi By Famous Poet Ameer Imam. Ban Ke Saya Hi Sahi Sat To Hoti Hogi is written by Ameer Imam. Complete Poem Ban Ke Saya Hi Sahi Sat To Hoti Hogi in Hindi by Ameer Imam. Download free Ban Ke Saya Hi Sahi Sat To Hoti Hogi Poem for Youth in PDF. Ban Ke Saya Hi Sahi Sat To Hoti Hogi is a Poem on Inspiration for young students. Share Ban Ke Saya Hi Sahi Sat To Hoti Hogi with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.