Sad Poetry of Ameer Ahmad Khusro
नाम | अमीर अहमद ख़ुसरव |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Ameer Ahmad Khusro |
तिरा ख़याल था लफ़्ज़ों में ढल गया कैसे
कौन कहता है सर-ए-अर्श-ए-बरीं रहता है
इस दौर से ख़ुलूस मोहब्बत वफ़ा न माँग
नाम | अमीर अहमद ख़ुसरव |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Ameer Ahmad Khusro |
तिरा ख़याल था लफ़्ज़ों में ढल गया कैसे
कौन कहता है सर-ए-अर्श-ए-बरीं रहता है
इस दौर से ख़ुलूस मोहब्बत वफ़ा न माँग