Love Poetry of Ambarin Salahuddin
नाम | अम्बरीन सलाहुद्दीन |
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अंग्रेज़ी नाम | Ambarin Salahuddin |
वहशत
'क़ुर्रतुल-ऐन-हैदर'
खिड़की
जहाँ मैं खड़ी थी
इंतिसाब
दस्तरस
रस्ता रोकती ख़ामोशी ने कौन सी बात सुनानी है
मिरी आँखों में मंज़र धुल रहा था
क्यूँ अम्बर की पहनाई में चुप की राह टटोलें
हम सितारों में तिरा अक्स ना ढलने देंगे
चाँद उभरेगा तो फिर हश्र दिखाई देगा
बहुत बे-ज़ार होती जा रही हूँ
असीर-ए-ख़्वाब नई जुस्तुजू के दर खोलें