Khawab Poetry of Ambarin Salahuddin
नाम | अम्बरीन सलाहुद्दीन |
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अंग्रेज़ी नाम | Ambarin Salahuddin |
वहशत
सर-ए-मिज़्गाँ
'क़ुर्रतुल-ऐन-हैदर'
खिड़की
इंतिसाब
एक कहानी
क्यूँ अम्बर की पहनाई में चुप की राह टटोलें
कोई एहसास मुकम्मल नहीं रहने देता
जब मिरे शहर की हर शाम ने देखा उस को
हम सितारों में तिरा अक्स ना ढलने देंगे
चाँद उभरेगा तो फिर हश्र दिखाई देगा
बहुत बे-ज़ार होती जा रही हूँ
असीर-ए-ख़्वाब नई जुस्तुजू के दर खोलें