तुम्हारा जो सहारा हो गया है
तुम्हारा जो सहारा हो गया है
भँवर भी अब किनारा हो गया है
मोहब्बत में भला क्या और होता
मिरा ये दिल तुम्हारा हो गया है
तुम्हारी याद से है वो चराग़ाँ
की आँसू भी सितारा हो गया है
अजब है मौसम-ए-बे-इख़्तियारी
की जब से वो हमारा हो गया
इक अन-जानी ख़ुशी के आसरे में
हमें हर ग़म गवारा हो गया है
हमें कब रास आ सकती थी दुनिया
ग़नीमत है गुज़ारा हो गया है
जिन्हें रहता था ज़ो'म-ए-दिल-फ़रोशी
उन्हें अब के ख़सारा हो गया है
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