Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_866095d7f3987db5fee0cac1c4e3e369, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
हर इक रिश्ता बिखरा बिखरा क्यूँ लगता है - अम्बर खरबंदा कविता - Darsaal

हर इक रिश्ता बिखरा बिखरा क्यूँ लगता है

हर इक रिश्ता बिखरा बिखरा क्यूँ लगता है

इस दुनिया में सब कुछ झूटा क्यूँ लगता है

मेरा दिल क्यूँ समझ न पाया उन बातों को

जो वैसा होता है ऐसा क्यूँ लगता है

जो यादें अक्सर तड़पाती है इस दिल को

उन यादों का दिल में मेला क्यूँ लगता है

उस को फ़िक्र वो सब से बड़ा कैसे हो जाए

मैं सोचूँ वो इतना छोटा क्यूँ लगता है

दुनियावी रिश्ते तो सच्चे कब थे लेकिन

रूहों का मिलना भी झूटा क्यूँ लगता है

मेरे हिस्से में आई मय का हर क़तरा

उस की आँखों ही से छलका क्यूँ लगता है

'अम्बर'-जी तुम शे'र तो कह लेते हो लेकिन

हर इक मिस्रा टूटा-फूटा क्यूँ लगता है

(912) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Har Ek Rishta Bikhra Bikhra Kyun Lagta Hai In Hindi By Famous Poet Ambar Kharbanda. Har Ek Rishta Bikhra Bikhra Kyun Lagta Hai is written by Ambar Kharbanda. Complete Poem Har Ek Rishta Bikhra Bikhra Kyun Lagta Hai in Hindi by Ambar Kharbanda. Download free Har Ek Rishta Bikhra Bikhra Kyun Lagta Hai Poem for Youth in PDF. Har Ek Rishta Bikhra Bikhra Kyun Lagta Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Har Ek Rishta Bikhra Bikhra Kyun Lagta Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.