एक सन्नाटा बिछा है इस जहाँ में हर तरफ़
एक सन्नाटा बिछा है इस जहाँ में हर तरफ़
आसमाँ-दर-आसमाँ-दर-आसमाँ क्यूँ रत-जगे हैं
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एक सन्नाटा बिछा है इस जहाँ में हर तरफ़
आसमाँ-दर-आसमाँ-दर-आसमाँ क्यूँ रत-जगे हैं
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