Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_ce92423fbf13af0fbfad005d7bb12c8c, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
मैं अपनी वुसअतों को उस गली में भूल जाता हूँ - अम्बर बहराईची कविता - Darsaal

मैं अपनी वुसअतों को उस गली में भूल जाता हूँ

मैं अपनी वुसअतों को उस गली में भूल जाता हूँ

न जाने कौन से जादू के हाथों में खिलौना हूँ

सफ़र ये पानियों का जब मुझे बे-आब करता है

मैं दरिया की रुपहली रेत को बिस्तर बनाता हूँ

सवालों के कई पत्थर उठाए लोग बैठे हैं

मैं अपना नन्हा बच्चा क़ब्र में दफ़ना के लौटा हूँ

न जाने किस फ़ज़ा में खो गया वो दूधिया आँचल

कि जिस के फ़ैज़ से मैं कितनी आँखों का उजाला हूँ

वो सूरज मेरे चारों सम्त है फैला हुआ लेकिन

मैं अक्सर अजनबी धुँदलाहटों में डूब जाता हूँ

लिपट जाती है मेरी उँगलियों से ख़ुद शफ़क़ आ कर

सहर की सम्त जब मैं अपने हाथों को बढ़ाता हूँ

कोई तो है कि जो मुझ को उजाले बख़्श जाता है

ब-ज़ाहिर मैं किसी तारीक टापू में अकेला हूँ

मिरे सीने में 'अम्बर' इक धनक सी फैल जाती है

मैं अपने आँसुओं की चाँदनी में शेर लिखता हूँ

(846) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Main Apni Wusaton Ko Us Gali Mein Bhul Jata Hun In Hindi By Famous Poet Ambar Bahraichi. Main Apni Wusaton Ko Us Gali Mein Bhul Jata Hun is written by Ambar Bahraichi. Complete Poem Main Apni Wusaton Ko Us Gali Mein Bhul Jata Hun in Hindi by Ambar Bahraichi. Download free Main Apni Wusaton Ko Us Gali Mein Bhul Jata Hun Poem for Youth in PDF. Main Apni Wusaton Ko Us Gali Mein Bhul Jata Hun is a Poem on Inspiration for young students. Share Main Apni Wusaton Ko Us Gali Mein Bhul Jata Hun with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.