Ghazals of Amar Singh Figar
नाम | अमर सिंह फ़िगार |
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अंग्रेज़ी नाम | Amar Singh Figar |
फिर कोई मुश्किल जवाँ होने को है
मजबूरियों में बाँट ले जो दर्द कौन है
किसे ख़याल कि इशरत के बाब कितने हैं
कौन कहता है कि तुम सोचो नहीं
कल एक शख़्स जो अच्छे-भले लिबास में था
जोश-ए-तकमील-ए-तमन्ना है ख़ुदा ख़ैर करे
जब कोई रास्ता नहीं होता
बैठा है सोगवार सितमगर के शहर में