Rubaais of Alqama Shibli
नाम | अलक़मा शिबली |
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अंग्रेज़ी नाम | Alqama Shibli |
सूरज पे जो थूकोगे तो क्या पाओगे
किस वास्ते साहिल पे खड़े हो शश्दर
ख़ुद-साख़्ता अफ़्साने सुनाते रहिए
जब तजरबा की धूप में एहसास आया
हर सुब्ह के चेहरे को निखारा किस ने
हैं ख़्वाब भी और ख़्वाब की ताबीरें भी
गुम-कर्दा-ए-मंज़िल हुई आवाज़-ए-दरा
गुलज़ार से क्या दश्त-ओ-दमन से गुज़रे
एहसास में बे-ताबीे-ए-जाँ रख दी है