Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_3db505870e0ec44c5643008532d8df5f, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
साल ये कौन सा नया है मुझे - आलोक मिश्रा कविता - Darsaal

साल ये कौन सा नया है मुझे

साल ये कौन सा नया है मुझे

वो ही गुज़रा गुज़ारना है मुझे

चौक उठता हूँ आँख लगते ही

कोई साया पुकारता है मुझे

क्यूँ बताता नहीं कोई कुछ भी

आख़िर ऐसा भी क्या हुआ है मुझे

तब भी रौशन था लम्स से तेरे

वर्ना कब इश्क़ ने छुआ है मुझे

आदतन ही उदास रहता हूँ

वर्ना किस बात का गिला है मुझे

अब के अंदर के घुप अँधेरों में

एक सूरज उजालना है मुझे

मुस्तक़िल चुप से आसमाँ की तरह

एक दिन ख़ुद पे टूटना है मुझे

मेरी तुर्बत पे फूल रखकर अब

वो हक़ीक़त बता रहा है मुझे

क्या ज़रूरत है मुझ को चेहरे की

कौन चेहरे से जानता है मुझे

(1104) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Sal Ye Kaun Sa Naya Hai Mujhe In Hindi By Famous Poet Alok Mishra. Sal Ye Kaun Sa Naya Hai Mujhe is written by Alok Mishra. Complete Poem Sal Ye Kaun Sa Naya Hai Mujhe in Hindi by Alok Mishra. Download free Sal Ye Kaun Sa Naya Hai Mujhe Poem for Youth in PDF. Sal Ye Kaun Sa Naya Hai Mujhe is a Poem on Inspiration for young students. Share Sal Ye Kaun Sa Naya Hai Mujhe with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.