Sad Poetry of Allama Iqbal
नाम | अल्लामा इक़बाल |
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अंग्रेज़ी नाम | Allama Iqbal |
जन्म की तारीख | 1877 |
मौत की तिथि | 1938 |
जन्म स्थान | Lahore |
वतन की फ़िक्र कर नादाँ मुसीबत आने वाली है
तमन्ना दर्द-ए-दिल की हो तो कर ख़िदमत फ़क़ीरों की
नहीं इस खुली फ़ज़ा में कोई गोशा-ए-फ़राग़त
नहीं है ना-उमीद 'इक़बाल' अपनी किश्त-ए-वीराँ से
माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं
कभी छोड़ी हुई मंज़िल भी याद आती है राही को
हैं उक़्दा-कुशा ये ख़ार-ए-सहरा
गुलज़ार-ए-हस्त-ओ-बूद न बेगाना-वार देख
बाग़-ए-बहिश्त से मुझे हुक्म-ए-सफ़र दिया था क्यूँ
अज़ाब-ए-दानिश-ए-हाज़िर से बा-ख़बर हूँ मैं
ऐ ताइर-ए-लाहूती उस रिज़्क़ से मौत अच्छी
अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ल
ज़ोहद और रिंदी
ज़ौक़ ओ शौक़
वालिदा मरहूमा की याद में
तुलू-ए-इस्लाम
तस्वीर-ए-दर्द
तारिक़ की दुआ
तराना-ए-मिल्ली
तराना-ए-हिन्दी
शिकवा
साक़ी-नामा
रूह-ए-अर्ज़ी आदम का इस्तिक़बाल करती है
राम
नानक
नाला-ए-फ़िराक़
मोहब्बत
मिर्ज़ा 'ग़ालिब'
मस्जिद-ए-क़ुर्तुबा
मार्च 1907