Qitas of Allama Iqbal
नाम | अल्लामा इक़बाल |
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अंग्रेज़ी नाम | Allama Iqbal |
जन्म की तारीख | 1877 |
मौत की तिथि | 1938 |
जन्म स्थान | Lahore |
ज़लाम-ए-बहर में खो कर सँभल जा
ये नुक्ता मैं ने सीखा बुल-हसन से
ये मेहर है बे-मेहरी-ए-सय्याद का पर्दा
यक़ीं मिस्ल-ए-ख़लील आतिश-नशीनी
यही आदम है सुल्ताँ बहर-ओ-बर का
वो मेरा रौनक़-ए-महफ़िल कहाँ है
वो कल के ग़म ओ ऐश पे कुछ हक़ नहीं रखता
वही अस्ल-ए-मकान-ओ-ला-मकाँ है
तिरी दुनिया जहान-ए-मुर्ग़-ओ-माही
तिरे सीने में दम है दिल नहीं है
तिरा जौहर है नूरी पाक है तू
तिरा अंदेशा अफ़्लाकी नहीं है
तरीक़-ए-अहल-ए-दुनिया है गिला-शिकवा ज़माने का
तमीज़-ए-ख़ार-ओ-गुल से आश्कारा
सवार-ए-नाक़ा-ओ-महमिल नहीं मैं
रम्ज़-ओ-ईमा इस ज़माने के लिए मौज़ूँ नहीं
रह-ओ-रस्म-ए-हरम ना-मोहरिमानग
रगों में वो लहू बाक़ी नहीं है
परेशाँ कारोबार-ए-आश्नाई
निगह उलझी हुई रंग-ओ-बू में
नहीं मक़ाम की ख़ूगर तबीअत-ए-आज़ाद
न मोमिन है न मोमिन की अमीरी
मोहब्बत का जुनूँ बाक़ी नहीं है
मरक़द का शबिस्ताँ भी उसे रास न आया
मानिंद-ए-सहर सेहन-ए-गुलिस्ताँ में क़दम रख
मकानी हूँ कि आज़ाद-ए-मकाँ हूँ?
कोई देखे तो मेरी नय-नवाज़ी
ख़ुदी की ख़ल्वतों में गुम रहा मैं
ख़ुदी की जल्वतों में मुस्तफ़ाई
ख़ुदी के ज़ोर से दुनिया पे छा जा