कोई देखे तो मेरी नय-नवाज़ी
नफ़्स हिन्दी मक़ाम-ए-नग़्मा ताज़ी!
निगह आलूदा-ए-अंदाज़-ए-अफ़रंग!
तबीअत ग़ज़नवी क़िस्मत अयाज़ी!
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जवाब-ए-शिकवा
अगर कज-रौ हैं अंजुम आसमाँ तेरा है या मेरा
बुतों से तुझ को उमीदें ख़ुदा से नौमीदी
जब इश्क़ सिखाता है आदाब-ए-ख़ुद-आगाही
अंदाज़-ए-बयाँ गरचे बहुत शोख़ नहीं है
हरम-ए-पाक भी अल्लाह भी क़ुरआन भी एक
ढूँडता फिरता हूँ मैं 'इक़बाल' अपने आप को
शिकवा
अजब नहीं कि ख़ुदा तक तिरी रसाई हो
गुलज़ार-ए-हस्त-ओ-बूद न बेगाना-वार देख
बातिल से दबने वाले ऐ आसमाँ नहीं हम
गेसू-ए-ताबदार को और भी ताबदार कर