तरह अंदेशा अफ़्लाकी नहीं है
तिरी पर्वाज़ लाैलाकी नहीं है
ये माना अस्ल शाहीनी है तेरी
तिरी आँखों में बेबाकी नहीं है
Wasi Shah
Faiz Ahmad Faiz
Ahmad Faraz
Gulzar
Anwar Masood
Mohsin Naqvi
Habib Jalib
Rahat Indori
Parveen Shakir
Mir Taqi Mir
Jaun Eliya
Javed Akhtar
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(3531) Peoples Rate This
फ़क़त निगाह से होता है फ़ैसला दिल का
उमीद-ए-हूर ने सब कुछ सिखा रक्खा है वाइज़ को
यूँ हाथ नहीं आता वो गौहर-ए-यक-दाना
फ़क़्र के हैं मोजज़ात ताज ओ सरीर ओ सिपाह
एक पहाड़ और गिलहरी
परिंदे की फ़रियाद
मिलेगा मंज़िल-ए-मक़्सूद का उसी को सुराग़
हैं उक़्दा-कुशा ये ख़ार-ए-सहरा
एक नौ-जवान के नाम
तिरे सीने में दम है दिल नहीं है
हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है
अपने मन में डूब कर पा जा सुराग़-ए-ज़ि़ंदगी