Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_2852a844a0f3a77e1c0f942b559ddc1e, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
हर चीज़ है महव-ए-ख़ुद-नुमाई - अल्लामा इक़बाल कविता - Darsaal

हर चीज़ है महव-ए-ख़ुद-नुमाई

हर चीज़ है महव-ए-ख़ुद-नुमाई

हर ज़र्रा शाहीद-ए-किब्रियाई

बे-ज़ौक़-ए-नुमूद ज़िंदगी मौत

तामीर-ए-ख़ुदी में है ख़ुदाई

राई ज़ोर-ए-ख़ुदी से पर्बत

पर्बत ज़ोफ़-ए-ख़ुदी से राई

तारे आवारा ओ कम-आमेज़

तक़दीर-ए-वजूद है जुदाई

ये पिछले पहर का ज़र्द-रू चाँद

बे-राज़ ओ नियाज़-ए-आश्नाई

तेरी क़िंदील है तिरा दिल

तू आप है अपनी रौशनाई

इक तू है कि हक़ है इस जहाँ में

बाक़ी है नुमूद-ए-सीमयाई

हैं उक़्दा-कुशा ये ख़ार-ए-सहरा

कम कर गिला-ए-बरहना-पाई

(1952) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Har Chiz Hai Mahw-e-KHud-numai In Hindi By Famous Poet Allama Iqbal. Har Chiz Hai Mahw-e-KHud-numai is written by Allama Iqbal. Complete Poem Har Chiz Hai Mahw-e-KHud-numai in Hindi by Allama Iqbal. Download free Har Chiz Hai Mahw-e-KHud-numai Poem for Youth in PDF. Har Chiz Hai Mahw-e-KHud-numai is a Poem on Inspiration for young students. Share Har Chiz Hai Mahw-e-KHud-numai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.