Love Poetry of Alimullah Hali
नाम | अलीमुल्लाह हाली |
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अंग्रेज़ी नाम | Alimullah Hali |
जन्म स्थान | Patna |
बिखर के छूट न जाऊँ तिरी गिरफ़्त से मैं
सफ़र है ज़ेहन का तो कोई रहनुमा ले जा
सदाओं के जंगल में वो ख़ामुशी है
ना-शनासी का हमेशा ग़म रहा
जुदा किया तो बहुत ही हँसी-ख़ुशी उस ने