Sad Poetry of Ali Zaheer Lakhnavi
नाम | अली ज़हीर लखनवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Ali Zaheer Lakhnavi |
राज़-ए-ग़म-ए-उल्फ़त को ये दुनिया न समझ ले
काला समुंदर
एक रात एक सुब्ह
एक पलटता हुआ मंज़र
वरक़-ए-इंतिख़ाब दिल में है
न आसमाँ की कहानी न वाँ का क़िस्सा लिख
किसे बताएँ कि क्या ग़म रहा है आँखों में
दिल ये कहता है कि इक आलम-ए-मुज़्तर देखूँ
दर्द हर रंग से अतवार-ए-दुआ माँगे है