अली वजदान कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अली वजदान
नाम | अली वजदान |
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अंग्रेज़ी नाम | Ali Wijdan |
सवाद-ए-शौक़-ओ-तलब ग़म का बाब ऐसा था
पहले भी कौन साथ था
कहा था मैं ने क्या तू ने सुना क्या
जंगल भी थे दरिया भी
ग़मों की धूप में जलता हूँ मिस्ल-ए-सहरा मैं
ऐ नीश-ए-इश्क़ तेरे ख़रीदार क्या हुए
आतिश-ए-इश्क़ में जलता रहा बुझता रहा दिल