Sad Poetry of Ali Sardar Jafri
नाम | अली सरदार जाफ़री |
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अंग्रेज़ी नाम | Ali Sardar Jafri |
जन्म की तारीख | 1913 |
मौत की तिथि | 2000 |
जन्म स्थान | Mumbai |
तू वो बहार जो अपने चमन में आवारा
शब के सन्नाटे में ये किस का लहू गाता है
दामन झटक के वादी-ए-ग़म से गुज़र गया
उठो
उर्दू
तुम्हारा शहर
तुम नहीं आए थे जब
तीन शराबी
ताशक़ंद की शाम
तख़्लीक़ का कर्ब
शुऊर
सर-ए-तूर
साल-ए-नौ
क़त्ल-ए-आफ़्ताब
प्यास भी एक समंदर है
नींद
मेरे ख़्वाब
मिरे अज़ीज़ो, मिरे रफ़ीक़ो
लहू पुकारता है
इन्फ़िरादियत
हाथों का तराना
गुफ़्तुगू (हिन्द पाक दोस्ती के नाम)
फ़रेब
एक ख़्वाब और
दोस्ती का हाथ
दो चराग़
चाँद को रुख़्सत कर दो
बहुत क़रीब हो तुम
अब भी रौशन हैं
ज़ुल्म की कुछ मीआ'द नहीं है