Sharab Poetry of Ali Jawwad Zaidi
नाम | अली जव्वाद ज़ैदी |
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अंग्रेज़ी नाम | Ali Jawwad Zaidi |
जन्म की तारीख | 1916 |
मौत की तिथि | 2004 |
ये दुश्मनी है साक़ी या दोस्ती है साक़ी
होली
उफ़ वो इक हर्फ़-ए-तमन्ना जो हमारे दिल में था
तेरे हल्के से तबस्सुम का इशारा भी तो हो
तिरे दयार में कोई ग़म-आश्ना तो नहीं
राह-ए-उल्फ़त में मिले ऐसे भी दीवाने मुझे
नया मय-कदे में निज़ाम आ गया
मस्ती-ए-गाम भी थी ग़फ़लत-ए-अंजाम के साथ
जुनूँ से राह-ए-ख़िरद में भी काम लेना था
है ख़मोश आँसुओं में भी नशात-ए-कामरानी
ग़ैर पूछें भी तो हम क्या अपना अफ़्साना कहें
इक आह-ए-ज़ेर-ए-लब के गुनहगार हो गए
दीन ओ दिल पहली ही मंज़िल में यहाँ काम आए
ऐश ही ऐश है न सब ग़म है
आँखों में अश्क भर के मुझ से नज़र मिला के