राह-ए-उल्फ़त में मिले ऐसे भी दीवाने मुझे

राह-ए-उल्फ़त में मिले ऐसे भी दीवाने मुझे

जो मआल-ए-दोस्ती आए थे समझाने मुझे

इश्क़ की हल्की सी पहली आँच ही में जल बुझे

क्या भला दर्द-ए-वफ़ा देंगे ये परवाने मुझे

ये तो कहिए बे-ख़ुदी से मिल गई कुछ आगही

वर्ना धोका दे दिया था चश्म-ए-बीना ने मुझे

ना-मुरादी लूट ही लेती मता-ए-आरज़ू

इक सहारा दे दिया एहसास-ए-फ़र्दा ने मुझे

किस से कहता दिल की बातें किस से सुनता उन का राज़

बज़्म में तो सब नज़र आते हैं बेगाने मुझे

तौबा तौबा ना-उम्मीदी की ख़याल-आराइयाँ

देखते हों जैसे ख़ुद ललचा के पैमाने मुझे

मेरा इक अदना सा परतव है निज़ाम-ए-काएनात

क्या समझ रक्खा है इस महदूद दुनिया ने मुझे

जब कभी देखा है ऐ 'ज़ैदी' निगाह-ए-ग़ौर से

हर हक़ीक़त में मिले हैं चंद अफ़्साने मुझे

(793) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Rah-e-ulfat Mein Mile Aise Bhi Diwane Mujhe In Hindi By Famous Poet Ali Jawwad Zaidi. Rah-e-ulfat Mein Mile Aise Bhi Diwane Mujhe is written by Ali Jawwad Zaidi. Complete Poem Rah-e-ulfat Mein Mile Aise Bhi Diwane Mujhe in Hindi by Ali Jawwad Zaidi. Download free Rah-e-ulfat Mein Mile Aise Bhi Diwane Mujhe Poem for Youth in PDF. Rah-e-ulfat Mein Mile Aise Bhi Diwane Mujhe is a Poem on Inspiration for young students. Share Rah-e-ulfat Mein Mile Aise Bhi Diwane Mujhe with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.