Ghazals of Ali Imran
नाम | अली इमरान |
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अंग्रेज़ी नाम | Ali Imran |
जन्म स्थान | jhang ,punjab |
तिरे वस्ल पे तेरी क़ुर्बत पे ला'नत
शाम घर जाएगी मैं किधर जाऊँगा
पूछते हो तुम मैं कब कर के दिखलाऊँगा
नीम के उस पेड़ से उतरा है जिन
मैं कब से मरा अपने अंदर पड़ा हूँ
इतनी बार मोहब्बत करना कितना मुश्किल हो जाता है
दिल में चलती हुई जंगों से निकल आऊँगा
बारिश के घनघोर हवाले गिनता रहता हूँ
अब कोई ग़म ही नहीं है जो रुलाए मुझ को