अली इफ़्तिख़ार ज़ाफ़री कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अली इफ़्तिख़ार ज़ाफ़री
नाम | अली इफ़्तिख़ार ज़ाफ़री |
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अंग्रेज़ी नाम | Ali Iftikhar Jafri |
जन्म स्थान | Lahore |
तुम किसी संग पे अब सर को टिका कर सो जाओ
नींद आती है मगर जाग रहा हूँ सर-ए-ख़्वाब
किसी की आँख का तारा हुआ करते थे हम भी तो
अव्वलीं चाल से आगे नहीं सोचा मैं ने
सर बचे या न बचे तुर्रा-ए-दस्तार गया
रंग-ए-महफ़िल से फ़ुज़ूँ-तर मिरी हैरानी है
चमन में वो फ़रामोशी का मौसम था मैं ख़ुद को भी
बर-सर-ए-बाद हुआ अपना ठिकाना सर-ए-राह