Sad Poetry of Ali Akbar Natiq
नाम | अली अकबर नातिक़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Ali Akbar Natiq |
जन्म की तारीख | 1976 |
मौत की तिथि | - |
मुख़्तसर बात थी, फैली क्यूँ सबा की मानिंद
उठेंगे मौत से पहले
सुर्मा हो या तारा
सफ़ीर-ए-लैला-4
सफ़ीर-ए-लैला-3
सफ़ीर-ए-लैला-2
रह-ज़नी ख़ूब नहीं ख़्वाजा-सराओं के लिए
प्यासा ऊँट
नौहा
नाम ओ नसब
मुसीबत की ख़बरें
मिरे चराग़ बुझ गए
लुहार जानता नहीं
हुजूम-ए-गिर्या
बे-यक़ीन बस्तियाँ
रो चले चश्म से गिर्या की रियाज़त कर के
क़ैद-ख़ाने की हवा में शोर है आलाम का
कँवल हों आब में ख़ुश गुल सबा में शाद रहें
हरीम-ए-दिल, कि सर-ब-सर जो रौशनी से भर गया
बाद-ए-सहरा को रह-ए-शहर पे डाला किस ने