चराग़ बाँटने वालों प हैरतें न करो
ये आफ़्ताब हैं, शब की दुआ में शाद रहें
Jaun Eliya
Javed Akhtar
Rahat Indori
Allama Iqbal
Anwar Masood
Mohsin Naqvi
Ahmad Faraz
Gulzar
Parveen Shakir
Mir Taqi Mir
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आसमाँ के रौज़नों से लौट आता था कभी
मुसीबत की ख़बरें
नौहा
वो शख़्स अमर है, जो पीवेगा दो चाँदों के नूर
इतना आसाँ नहीं पानी से शबीहें धोना
अज़ल के क़िस्सा-गो ने दिल की जो उतारी दास्ताँ
रह-ज़नी ख़ूब नहीं ख़्वाजा-सराओं के लिए
हरीम-ए-दिल, कि सर-ब-सर जो रौशनी से भर गया
सफ़ीर-ए-लैला-4
नाम ओ नसब
सुर्मा हो या तारा
बस्तियों वाले तो ख़ुद ओढ़ के पत्ते, सोए