Love Poetry of Ali Akbar Abbas
नाम | अली अकबर अब्बास |
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अंग्रेज़ी नाम | Ali Akbar Abbas |
जन्म की तारीख | 1948 |
कभी जो नूर का मज़हर रहा है
पेश हर अहद को इक तेग़ का इम्काँ क्यूँ है
ज़रा हटे तो वो मेहवर से टूट कर ही रहे
सारा दिन बे-कार बैठे शाम को घर आ गए
पानी में भी प्यास का इतना ज़हर मिला है
मैं अपने वक़्त में अपनी रिदा में रहता हूँ
जो ख़ुद को पाएँ तो फिर दूसरा तलाश करें
ग़ुबार-ए-नूर है या कहकशाँ है या कुछ और
देखने में लगती थी भीगती सिमटती रात
अँधेरी बस्तियाँ रौशन मनारे डूब जाएँगे